Jjaivik khad kaise banta hai | केंचुआ खाद की कीमत | जैविक खाद बिजनेस | जैविक खाद का बिजनेस कैसे करें | जैविक खाद कंपनी नाम | केंचुआ खाद का बिजनेस | Organic fertilizer business | जैविक खाद का लाइसेंस कैसे बनता है
खाद के बिना खेती-बाड़ी करना असंभव है. इसलिए अच्छे गुणवत्ता और अधिक पैदावार के लिए फसलों में खाद का बहुत बड़ा योगदान है. बीते कई सालों से देखा जा रहा है की किसान अब रासायनिक खाद को कम महत्व देकर जैविक खेती की तरफ अधिक जोर दे रहे हैं. जिस कारण खेती में जैविक खाद का प्रयोग काफी बड़े पैमाने पर होने लगा है.
ऐसे में बेहतर रिटर्न के लिए केंचुआ खाद का बिजनेस करके बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बेहतर रिटर्न के लिए जैविक खाद बिजनेस कैसे करें तथा जैविक खाद बनाने की विधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं, अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.

जैविक खाद क्या है | जैविक खाद बिजनेस
गाय या भैंस के गोबर और मुर्गियों के खाद, जैविक अप्शिष्ट, सब्जियों, फलों और अंडे के छिलके, पेड़ों की सूखे पत्तों से तथा घर की कचरों से जैविक खाद बनाया जाता है. यह एक तरह से प्राकृतिक खाद होते हैं इसके उपयोग से खेतों का संतुलन लम्बे समय तक बना रहता है. और जैविक खेती एक ऐसी टैकनोलजी है.
जिसमें रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है, जैविक खेती में केवल जैविक खाद और जैविक कीटनाशक तथा फसल में कोई भी रोग लगने पर जैविक तत्वों का उपयोग किया जाता है. इस technology द्वारा खेती करने पर मिट्टी की उर्वरता शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है, तथा स्वस्थ और गुणवत्तायुक्त उपज प्राप्त होती है.
घर पर जैविक खाद बनाने की विधि
जैविक खाद उत्पादन व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको 10 किलो गाय का गोबर और 10 किलो गाय का मूत्र लेना है इस बात का ध्यान रहे की यदि गाय का गोबर है तो गाय का ही मूत्र होना चाहिए और यदि भैंस का गोबर है तो भैंस का ही मूत्र होना चाहिए.
10 किलो गोबर और 10 किलो मूत्र लेने के बाद इसमें 1किलो दाल की आटा, 1किलो गुड़ और 1किलो पीपल या बरगद के पेड़ के निचे की मिट्टी को लेने के बाद किसी बड़े बर्तन या ड्रम में सभी को डंडे की सहायता से मिक्स कर दें और 15 से 20 दिनों के लिए छाया में रख दें. 20 दिनों के बाद इसमें 100लीटर पानी मिला दें, इस प्रकार आप जैविक खाद(घोल) मार्किट में बेच सकते है. आप इस जैविक खाद को अपने आस-पास के किसानो को भी डैरेक्ट सेल कर सकते सकते है.
जैविक खाद बनाने में कितना खर्च आता है
यदि आप पशु-पालन करने के साथ जैविक खाद(घोल) का उत्पादन करना चाहते हैं तो इसमें कोई खर्च नहीं आएगा क्योंकि इसे बनाने के लिए पशुओं के गोबर और मूत्र तथा गुड़, दाल और मिट्टी की जरुरत पड़ती है जो आपको बहुत आसानी से मिल जाते हैं.
जैविक खेती कैसे शुरु करे
हमारे देश की लगभग 70% आबादी कृषि पर निर्भर है जिसमें खेती-बाड़ी, पशु-पालन, मत्स्य-पालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन, डेयरी फार्मिंग इत्यादि शामिल हैं। और अब किसानों का रुझान जैविक खेती की तेजी से होता जा रहा है.
जैविक खेती को शुरु करने से पहले किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के बारे में किसान को अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों से जानकारी ले लेनी चाहिए। तथा हो सके तो खेत की मिट्टी की जाँच करानी चाहिए, सभी जगह की जलवायु और मिट्टी एक समान नहीं होती है.
यदि आप organic farming करना चाहते हैं तो जैविक खाद, गोमूत्र, जीवामृत की आवश्यकता पड़ेगी इसके लिए आपको पशुपालन भी करनी चाहिए, पशुपालन करने से आप को जैविक खाद, गोमूत्र, जीवामृत आसानी से उपलब्ध होती रहेगी और मार्केट से जैविक सामग्री खरीदने की आवश्यकता कम होगी. जैविक खेती और पशुपालन करने से आपको दो तरहे से लाभ होंगे जैसे-जैविक खाद और दूध भी मिलता रहेगा,
जैविक खाद बिजनेस का लाइसेंस कैसे बनता है?
कृषि विभाग ने अन्य रसायनिक खाद की तरह जैविक खाद के गोदाम, विपणन और मार्केटिंग के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. जिस प्रकार कृषि बीज और रसायनिक खाद,दवा की दुकानों पर लाइसेंस लेना होता है उसी तरह जैविक खाद का विक्रय करने के लिए समान रूप से लाइसेंस,लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
जैविक खाद का लाइसेंस लेने के लिए अपने नजदीकी कृषि रक्षा इकाई से जानकारी ले सकते हैं, इसके साथ ही जैविक खाद की मार्केटिंग लाइसेंस के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001801551 संपर्क कर सकते हैं.
जैविक खाद कैसे बेचे?
यदि आप जैविक खाद बिजनेस शूरू करने जा रहे हैं तो बहुत से लोगों की यह समस्या होती है की जैविक खाद के उत्पाद की मार्केटिंग कहाँ करें. लेकिन आपको जैविक खाद के मार्केटिंग को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है हम आपके इस समस्या का भी समाधान बताने जा रहे हैं. जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक विकेन्द्रीकृत जैविक कृषि प्रमाणन प्रणाली “भारत की सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली” (पीजीएस-इंडिया) लागू तथा भारत सरकार ने जैविक पोर्टल लॉन्च कीया है.
जैविक कृषि के लाभ
जैविक खेती से किसानों की आय में वृद्धि, अच्छे उत्पादन, अच्छी फसल मिलते हैं इस तकनीक से खेतों में मित्र कीट जैसे- केचुआ सुरक्षित रहते हैं. इससे मिट्टी में हवा का संचार बना रहता है जिससे फसलों की जड़ों का अच्छी तरह विकास होता है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, कृषि लागत में कमी देखने को मिलती है.
खेतों में जैविक खाद डालने से खेत की जमीन को बंजर होने से बाचाया जा सकता है, रासायनिक खाद की अंधाधुंध प्रयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे कम होती जाती है। क्योंकि कमर्शियल खाद में किसान नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटश का अधिक उपयोग करते हैं जिससे भूमि धीरे-धीरे ज़मीन बंजर या उसर होने लगती है.
Organic farming करने से हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहता है और सिंचाई के अंतराल में वृद्धि देखने को मिलती है. इससे पानी की बचत होती है इसके अलावा बारिश के दिनों में भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती हैं. और गार्मियों के मौसम में भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम देखने को मिलता है.
यदि जैविक खाद पर स्वास्थ्य की दृष्टी से देखा जाय तो कामार्शियल खेती की तुलना में 100% शुद्ध पौष्टिक आहार मिलता है जिससे मानव स्वास्थ्य ठीक रहता है और मानवीय पर्यावरण तथा वातावरण रहता है. जैविक खाद बिजनेस में कचरे का उपयोग होने से कचरे साफ हो जाते हैं जिससे कूड़ा-कर्कट से होने वाली बिमारियां मनुष्य से दूर रहती है.
पशुओं की दृष्टी से जैविक खाद के लाभ
खेतों में जैविक खाद के उपयोग से पशुओं को जो चारा खिलाया जाता है उससे पशुओं का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और गाय, भैंस तथा बकरियां शुद्ध एवं अधिक दूध देती हैं.
जैविक खाद के लाभ
जैविक खाद से खेती करने पर किसानों की आय में भी वृद्धि होती है इसका मुख्य कारण यह है की रासायनिक खाद किसानों को बहुत महंगे मिलते हैं इसलिए रासायनिक खाद पर कम निर्भर होने से लागत में बहुत कमी आ जाती है.
जैविक खेती से उत्पन्न होने वाले उत्पाद जैसे-सब्जियां, दालें, दूध तथा फल इत्यादि बाज़ार में इसकी मांग आधिक होती है जिससे यह उत्पाद अधिक दामों पर बिकते हैं इसलिए किसानों की आय में भी वृद्धि होती है.
जैविक कृषि के नुकसान
जैविक खेती में मानव श्रम की आवश्यकता ज्यादा होती है इसमें आधुनिक मशीनों का प्रयोग बहुत कम होता है. तथा इसके साथ ही पारंपरिक खेती की तुलना में जैविक कृषि में अधिक समय देना होता है. जैविक कृषि को सफल बनाने के लिए इसके सभी घटकों का ज्ञान होना अति आवश्यक है. जैविक खेती में फसलों की उपज कामर्शियल खेती की तुलना में थोड़ी कम होती है.
जैविक खेती के महत्वपूर्ण तत्थ्य
इसे अपनाएं | इससे बचें |
अधिक से आधिक जैव उर्वरकों का प्रयोग करें | रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से बचें |
खेतों में हरी के लिए खाद जैसे- सनई या ढैंचा की जुताई करें | खेतों में फसलों के बचे हुए अवशेषों को ना जलाएं |
मिट्टी के पोषण का खास ध्यान दें | खेतों की मिट्टी को दबाव से बचाने के लिए गुड़ाई करें |
कम्पोस्ट व गोबर के खाद तथा जैविक किटनाशकों का प्रयोग करें | रासायन कीटनाशकों का उपयोग ना करें |
फसल चक्र अपनाएं | एक ही फसल बार-बार न लें |
FAQ
Q1. उज्जैन में जैविक खाद कहाँ मिलता है?
ANS. उज्जैन में जैविक खाद सेवाधाम आश्रम में सैकड़ों गाय के मल-मूत्र का तथा उज्जैन महाकालेश्वर के पास चढ़ावे के फूलों से बनी जैविक खाद मिलती है.
Q2. पहली बार जैविक खाद डाले तो खेती कैसी होगी?
ANS. यदि खेतों में पहली बार जैविक खाद डाले तो प्राकृतिक खाद की तुलना में फसल कुछ अच्छी होगी लेकिन कुछ वर्षों बाद खेती और बेहतर होने लगेगी, इसके लिए यदि आप रासायनिक खाद का प्रयोग करते हैं तो आपको रासायनिक खाद और दवा धीरे-धीरे कम करना होगा और जैविक खाद धीरे-धीरे अधिक डालना होगा.
Q3. जैविक खाद कहां मिल सकती है?
ANS. जैविक खाद किसी भी खाद-बीज की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है.
Q4. जैविक खाद कितने प्रकार के होते हैं?
ANS. गोबर की खाद, कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, मुर्गियों की खाद, बकरियों की खाद ये सब एक तरह से जैविक खाद है.
Q5. जैविक खाद कैसे बेचे?
ANS. जैविक खाद बिजनेस की शुरुआत सबसे पहले अपने क्षेत्र के किसानों से करें. यदि आपके जैविक खाद अच्छे होंगे तो किसान स्वयं आपके प्रोडक्ट के बारे में दुसरे से चर्चा करेंगे. जिससे आपके खाद बिकने की सम्भावना और बढ़ जाएगी. इसके अलावा आप ऑफलाइन और ऑनलाइन ad भी निकालकर जैविक खाद बिजनेस कर सकते हैं.
इसे पढ़ें
- सब्जी की खेती से करोड़पति कैसे बने | kheti me paise kaise kamaye
- अधिक मुनाफा के लिए बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करें
- मच्छी पालन व्यापार! कम लागत में शुरू करें मछली पालन व्यवसाय
- पैसे की टेंसन ख़त्म! किसान करें औषधीय पौधे की खेती कमाई लाखों में
Badaun se hu