mitti mein kide maarane ki dava– बहुत बार ऐसा होता है की किसान अपने खेतों में बीजों की बुआई करते है. और बीजों का अंकुरण भी होता है लेकिन जैसे ही उनमे से पत्तियां निकलनी शुरू होती हैं तो देखने को मिलता है की छोटे-छोटे पौधे सुख जाये हैं. और जब उनको उखाड़कर देखा जाता है तो मिट्टी में ही उनकी जड़ें किसी कीड़े द्वारा कुतर दिए गए होते हैं.
लेकिन अब किसान भाइयों को मिट्टी के कीड़े से फसलों को होने वाले नुकसान से परेशान होने की जरुरत नहीं होती है. तो आज हम आपको मिट्टी में कीड़े मारने की दवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी सहायता से आप अपने फसलों को मिट्टी में लगे कीड़े छुटकारा पा सकते हैं.

नीम के तेल का प्रयोग
सबसे पहले खेतों में बीजों की बुआई करने से पहले बीज को फफूंदनाशक दवा से उपचारित कर लेनी चाहिए उसके बाद ही बीजों की बुआई करनी चाहिए इसके बाद जब अंकुरण के बाद पौधे सूखते दिखाई दे तो वहां की मिट्टी को हाथ से हटाकर देखें की आसपास कोई कीड़ा तो नहीं दिखाई दे रहा है.
अगर आपको जमीन में मिट्टी के कीड़े दिखाई दे या आपको लेगे की पौधों को जड़ों को किसी कीट द्वारा नुकसान हुआ है तो इस अवस्था में 100 ml नीम के तेल को 15 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों की जड़ों के चारो तरफ देना चाहिए.
प्रोफेनोफॉस साइपरमेथ्रिन का उपयोग
प्रोफेनोफॉस साइपरमेथ्रिन खेत में उपस्थित मिट्टी के कीड़े मारने की दवा तो है ही साथ ही इसका प्रयोग फसलों की पत्ती खाने वाले कीड़ों के लिए किया जाता है. अब यदि आपको लगे की आपके पौधों में कीड़ा लग चूका है और और आपको उनसे छुटकारा पाना है तो 30 ml दवा को 15 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों के आसपास मिट्टी पर स्प्रे मशीन से छिड़काव करें. यह बहोत ही बेहतरीन मिट्टी में पौधों के कीड़े मारने की दवा है.
नीम की पत्तियों के पानी का प्रयोग
नीम का पौधा एक ऐसा आयुर्वेदिक पेड़ है जिसकी पत्ती, तना, जड़ें, बीज सभी किसी न किसी रूप से मानव जीवन के लिए या खेत में फसलों के लिए प्रयोग किये जाते हैं. गाँव में रहने वाले किसान आज भी इसके पत्तियों का इस्तेमाल पौधे में कीड़े मारने की दवा के रूप में करते हैं.
लगभग 350 से 500 ग्राम नीम की पत्ती को 5 लीटर पानी में अच्छी तरह से उबालकर पानी को आंच से हटाकर ठंडा कर लें और पानी को छानकर पत्तियों को अलग कर लेना चाहिए. इसके बाद जिस भी फसल में मिट्टी में या पौधे की पत्तियों पर कोई भी हानिकारक कीट दिखाई दे तो 15 लीटर पानी में आधा लीटर नीम की पत्तियों का पानी मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें या मिट्टी में पौधों के चारो और दें. यह पौधों के लिए कीटनाशक का काम करता है.
हल्दी पाउडर का उपयोग
हल्दी एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो गर घर में प्रयोग होता है. लेकिन इसका इस्तेमाल फसलों में लगे कीड़ों के लिए भी होता है यह बात बहोत कम लोग ही जानते हैं. तो चलिए हम जानते हैं की पौधों में कीड़ा लग जाये तो हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें.
मिट्टी में या पौधे में कीड़ा लगने पर 5 किलो मिट्टी लेकर उसमे 15 ग्राम हल्दी पाउडर अच्छी तरह से मिला लें. उसके बाद उस मिट्टी को पौधों के चारो और खुरपी की सहायता से मिला दीजिये. यदि पत्तियों पर कीड़े दिखाई दे तो पाउडर का पानी में घोल बनाकर स्प्रे कर देनी चाहिए.
कच्चे गोबर की खाद देने से बचें
देखा गया है की गाँव के किसान अपने खेतों में पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए देशी खाद के रूप में गोबर की खाद डालते हैं लेकिन उनको यह नहीं पता होता है की खेतों में कच्चे गोबर डालने से बहुत से ऐसे कीड़े होते हैं जो गोबर को खाने के लिए आते हैं और खेत में लगे फसलों की जड़ों को भी हानि पहुंचाते हैं.
आपको बता दें की खेत में कच्चे गोबर की डालने से दीमक का प्रकोप अधिक होता है. इसलिए किसान को चाहिए की जब भी खेतों में गोबर का प्रयोग करें उससे पहले उन्हें 3 से 4 महीने तक अच्छी तरह सड़ने के बाद ही खेत में डालना चाहिए.
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