कम जमीन में करें इन सबसे महँगी औषधीय पौधों की खेती, देगी बेहतर मुनाफा

औषधीय पौधों की खेती- पैसा भला कौन नहीं कमाना चाहता, और किसानों की बात करे जो भी किसान खेतीबाड़ी का काम करते हैं. खेती से अच्छी कमाई हो यहीं उम्मीद लगाकर निरंतर मेहनत करते रहते हैं. ऐसे में किसान भाइयों को खेती के जरिये लाखों रुपये कमाने के लिए अब खेतीबाड़ी को अपडेट करने की जरुरत है. यानि अब किसान भाइयों को औषधीय पौधों की खेती करनी चाहिए.

कम जमीन में करें इन सबसे महँगी औषधीय पौधों की खेती, देगी बेहतर मुनाफा

औषधीय पौधों की खेती के लिए जमीन

गाँव हो या शहर हो देखा गया है की बहुत से खेतिहर भूमि वाले लोग खेती करने योग्य भूमि होने के बाद भी खेतीबाड़ी का काम नहीं करते. कारण यह होता है की उनके पास अच्छी सरकारी नौकरियां या बिजनेस होते हैं. और ये लोग अपनी जमीन को अग्रीमेंट के साथ कांट्रेक्ट पर दे देते हैं.

ऐसे में जो भी किसान जिनके पास कम भूमि है. कांट्रेक्ट पर खेत लेकर औषधीय पौधे की खेती करके कम समय में लाखों रुपये कमा सकते हैं. देखा जाता है की आज कल बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ कांट्रेक्ट पर भूमि लेकर औषधीय पौधे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

किन औषधीय पौधों की खेती करें किसान

प्रकृति ने सभी प्रकार के औषधीय पौधों को कुछ अलग-अलग रूप और गुण दिए हैं. और इन सबकी अपनी एक अलग भूमिका होती है. सभी में औषधीय गुणों के साथ विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज पाए जाते हैं. ऐसे में सहजन, तुलसी, एलोवेरा, शतावरी, सर्पगंधा, शतावरी, मुलहठी, स्टीविया, इसबगोल जैसे अनेक औषधीय पौधे की खेती किसान करके अपने आपको पहले से कहीं अधिक बेहतर बना सकते हैं. ये जितने भी औषधीय पौधे हैं, इनका उपयोग दवा और आयुर्वेद बनाने के काम आता है. और आप तो जानते ही हैं की आयुर्वेदिक दवा कितने महंगे बिकते हैं. यहीं कारण है की औषधीय पौधे की खेती अच्छी कमाई होती है.

औषधीय पौधों की संभावनाएं

बता दें की जितने भी औषधीय पौधे की खेती की जाती है इनमे रोग लगने की 90% सम्भावना कम होती है. साथ ही इसमे पानी तो कम लगती ही है इसके अलावा इसमें देखभाल बहुत ही कम करनी पड़ती है. दुनिया में ऐसे बहुत से रोग हैं, जिनके उपचार के लिए औषधीय पौधे से बने दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है.

आमतौर पर देखा जाय तो डायबिटीज के मरीजों की जनसँख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. और इसके इलाज के लिए स्टीविया नामक पौधे की डिमांड बड़ी तेजी से बढ़ी है. इसकी खेती भारत में ही नहीं बल्कि दुसरे देशों में भी बड़े पैमाने पर की जाने लगी है. यही कारण है की औषधीय पौधों की खेती में असीम संभावनाएं शामिल हैं.

औषधीय पौधे क्यों लगायें

औषधि का मतलब ही होता है आयुर्वेद यानि एकदम शुद्ध. इन सबकी खेती में खाद और कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना पड़ता है. हाँ जरुरत पड़ने पर ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर इत्यादि खादों का इस्तेमाल खेतों में किया जाता है. कुछ औषधीय पौधे ऐसे होते हैं जिनमे पानी की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है तो कुछ पौधे 3 से 5 साल तक पैदावार देते रहते हैं.

औषधीय पौधे के लिए शिक्षण

एक तरह से ये सभी मेडिसिनल पौधे हैं. ऐसे में इनकी खेती की शुरुआत करने के लिए यदि अच्छी ट्रेनिंग मिल जाए तो इनमे जो भी छोटी-छोटी खूबियाँ हैं जिनको ध्यान में रखना बहुत आवश्यक है. औषधीय पौधे की ट्रेंनिंग, लखनऊ सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट इन औषधीय पौधे की खेती के लिए ट्रेनिंग देती हैं.

पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न1- क्या औषधीय पौधों की खेती को भारत सरकार प्रोत्साहित करती है?

उत्तर- किसान समृद्ध हो सकें इसके लिए भारत सरकार औषधीय पौधों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है.

प्रश्न2- उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम किस औषधीय पौधे की खेती शुरू की गई थी?

उत्तर- उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम कुटकी, बैलोडोना की खेती, पाइरेथम, जिरेनियम. औषधीय पौधे की खेती शुरू की गई थी.

प्रश्न3- कम जमीन में क्या उगा कर में अच्छी कमाई कर सकता हूँ?

उत्तर- कम जमीन में औषधीय खेती, चंदन की खेती, अश्वगंधा , सफेद मूसली इत्यादि उगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

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