
हिमांचल प्रदेश सरकार ने डेयरी फार्म को उच्च स्तर पर ले जाने तथा शुद्ध दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए doodh ganga yojana का शुरुआत किया है. अगर देखा जाय तो हमारे देश में जीतनी दूध की आवश्यकता है उतनी उत्पादन दूध की नहीं हो पा रही है. सरकार द्वारा चलाये गए इस दूध गंगा योजना से किसानों को भी अनेक लाभ प्राप्त होंगे. अगर इच्छुक किसान डेयरी पालन को करना चाहें तो सरकार उनकी सहायता के लिए कम ब्याज पर सब्सिडी भी प्रदान करती है. तो दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में doodh ganga yojana के बारें जानकारी देने जा रहे हैं. अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे शेयर जरुर करें.
doodh ganga yojana क्या है?
राज्य में किसानों को स्वरोजगार देने तथा दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए दूध गंगा योजना की हिमांचल प्रदेश सरकार ने शुरुआत की है. दूध उत्पादन को ज्यादा मात्रा में बढ़ाने के लिए किसानों को अच्छे एवं दुधारू नस्ल के भैस और गायों को खरीदने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दिया जाता है. अगर आप भी हिमांचल प्रदेश के निवासी हैं तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
doodh ganga yojana का मुख्य उद्देश्य?
- शुद्ध दूध उत्पादन तैयार करना.
- बढ़िया एवं अच्छे नस्ल की दुधारू पशुओं बढ़ावा देना.
- छोटे एवं सूक्ष्म किसानों को सफल डेयरी उद्यमियों में ले जाना.
- स्वयं सहायता समूहों के द्वारा ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाना.
- ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करना.
- किसानों एवं उद्यमियों को स्वरोजगार प्रदान करना.
doodh ganga yojana के लाभार्थी
दूध गंगा योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, व्यक्ति विशेष, सहकारी दुग्ध सभाएं, कंपनिया जैसे बहुत से लोग इसका लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा अगर आप हिमांचल प्रदेश के निवासी हैं तो एक ही परिवार के कई लोग एक किलोमीटर की दूरी पर अलग जगहों पर भिन्न-भिन्न इकाइयाँ बनाकर भी योजना का लाभ बेझिझक ले सकते हैं.
doodh ganga yojana सब्सिडी
बहुत से किसान डेयरी पालन तो करना चाहते हैं लेकिन पैसे न होने के कर्ण वे इस व्यवसाय से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में डेयरी किसानों के इस समस्या को देखते हुए सरकार सभी वर्ग के लोगों को दूध गंगा योजना के तहत अलग-अलग सब्सिडी भी देती है. इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी किसानों के उद्द्योगों के आधार पर भिन्न होती है.
डेयरी उद्योग परियोजनाएँ | परियोजना खर्च |
दूध तथा दूध उत्पादों के कोल्ड स्टोरेज हेतु | 30 लाख |
डेयरी उत्पादों के परिवहन हेतु | 25 लाख |
दूध उत्पादों के ढुलाई व कोल्ड चैन सुविधा हेतु | 24 लाख |
दूध दुहने की मशीन के लिए | 18 लाख |
देशी दूध के उत्पाद बनाने की सुविधा को स्थापित करने हेतु | 12 लाख |
2 से 10 दुधारू पशुओं को पालने हेतु | 5 लाख |
पांच से 10 बछियों को पालने हेतु | 4.80 लाख |
निजी पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल इकाई हेतु | 2.40 लाख |
दूध से बने उत्पाद बेचने के लिए बूथ बनाने के लिए | 0.56 लाख |
दुधारू गायों से जुड़ी वर्मी कम्पोस्ट हेतु | 0.20 लाख |
कैसे मिलेगा doodh ganga yojana का लाभ
दूध गंगा योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको हिमांचल प्रदेश की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा जहाँ आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको वेबसाइट के होम पेज पर महत्वपूर्ण लिंक्स में दूध गंगा परियोजना पर कलोई करना होगा जहाँ आपको साडी जानकारी मिल जाएगी
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