
एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन- कृषि के क्षेत्र में मजदूरों की समस्या बढ़ती चली जा रही है. ऐसे में देश के किसान कृषि यंत्रों की सहायता से खेतीबाड़ी को करने की कोशिश कर रहे हैं. कृषि यंत्रों की सहायता से कम समय में बहुत सारे काम हो जाते हैं. साथ ही लागत भी बहुत कम आती है. किसानों की आय बढ़ने के लिए सरकारें तरह-तरह के प्रयास करते रहते हैं. इसी बीच कृषि के क्षेत्र में मजदूरों की समस्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों के लिए एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन का शुभारम्भ किया है. तो चलिए हाप्को बताते हैं की एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन किसानों के लिए किस प्रकार उपयोगी है.
एग्री एम्बुलेंस के लाभ
एग्री एम्बुलेंस के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी. खेतीबाड़ी में तमाम प्रकार की समस्याएं किसानों के साथ आती रहती हैं. किसानों के उन सभी समस्याओं को एग्री एम्बुलेंस द्वारा प्रत्येक गाँव में जाकर हल किया जायेगा. साथ इस एम्बुलेंस में लैब की सुविधा होगी जिसमें किसानों के खेतों के मिट्टी की जाँच की जाएगी. किसानों की आय को बढ़ाने के लिए जैविक खेती का प्रचार तेजी से हो रहा है. अतः एग्री एम्बुलेंस के माध्यम से किसानों को सस्ते दरों पर जैविक खाद उपलब्ध कराया जायेगा.
एग्रीकल्चर ड्रोन के लाभ
बड़े किसानों के खेत की फसलों में खाद और कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए 3 से 4 मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन अगर समय से मजदूर नहीं मिलते हैं तो फसलों को भी काफी नुकसान होता है. लेकिन अब बड़े किसानों की फसलों में दवाओं का करने के लिए लेबर की जरुरत नहीं पड़ेगी. अब ड्रोन की सहायता से 6 से 7 एकड़ खेत में महज 1 घंटे में दवाओं का स्प्रे किया जा सकेगा. यानि कुल मिलाकर इस ड्रोन की सहायता से समय और धन दोनों की बचत होगी.
किसान समूह में होगा ड्रोन का उपयोग
ड्रोन की सहायता से दवा और खाद की उचित मात्रा में निर्धारण किया जायेगा. ड्रोन का उपयोग किसानों को समूह के तौर पर दिया जायेगा. इस ड्रोन मशीन की मदद से राज्य के करीब 20 गाँव में बड़ी सरलता से खाद और कीटनाशक का छिड़काव किया जायेगा. जिससे सामूहिक किसानों की आय में इजाफा होगी.
कृषि ड्रोन संचालन के लिए मिलेगा प्रशिक्षण
ड्रोन का उपयोग ठीक तरह से करने के लिए युवा किसान समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जायेगा. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान समय पर फसलों में खाद और कीटनाशक का छिड़काव कर सकेंगे. घंटो का काम मिनटों में करने के बाद बचे हुए समय का उपयोग किसान दुसरे कार्यों में करके अपनी आय को बढ़ा सकते हैं.
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