बैंगन के पौधे में कीट नियंत्रण- बैंगन की फसल में अगर कोई किसान सबसे अधिक परेशान है तो वह है बैगन में लगने वाले सुंडी, वैसे तो बैगन की खेती में अनेक तरह के रोग लगते हैं. जैसे की बैगन की छोटी पत्ती रोग, उकठा रोग, लाल मकड़ी, हरा-सफ़ेद मक्खी, फलों का सड़ना आदि, और यदि बैगन में लगने वाले कीड़े बात करें तो तना छेदक, फल छेदक, पत्तियों के रस चूसने वाले कीड़े माईट आदि, बैंगन के पौधों में बंझा रोग के बाद यदि कोई दूसरा भयानक रोग है तो वह है तना छेदक और फल छेदक.
वास्तव में बैंगन की फसल में तना छेदक और फल छेदक यह कोई रोग नहीं है. बल्कि यह बैगन में लगने वाले कीड़े सुंडी के कारण होता है. और बैगन की खेती में सुंडी का प्रकोप सबसे अधिक तब होता है, जब हमारी फसल में मक्खियाँ होती हैं. और मक्खियों के प्रकोप से बैगन की फसल को बचाने के लिए खेतों से खरपतवार निकालकर साफ कर देना चाहिए.
दोस्तों फसल चाहे कोई भी लगभग 50% रोग और फसलों को नुकसान पहुचने वाले हानिकारक कीट खेतों में उगे फालतू के खरपतवारों के कारण ही होता है. तो नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बैंगन के पौधे में कीट नियंत्रण(सुंडी मारने की दवा) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. आशा करता हूँ की आपको यह जानकारी अच्छी लगेगी.
बैंगन के पौधे में कीट का प्रकोप कब होता है
किसान भाइयों यदि आपने अपने खेत में बैंगन की खेती कर रखा है तो आपको बैगन में लगने वाले सुंडी के बारे में यह जानकारी होना बहोत जरुरी है की आपके बैंगन में सुंडी का प्रकोप कब अधिक होती है. अगर आप यह जानकारी कर लेते हैं तो अधिक दवा का छिडकाव नहीं करना होगा.
दोस्तों जब भी आपके बैंगन की फसल में तितिलियां उड़ती हुई दिखाई दें, तो यह समझ लेना चाहिए की अब आपके बैगन की खेती में इल्लियों और सुंडी का परकोप अधिक बढ़ने वाला है. ऐसे में समय रहते यदि सही समय पर सही दवा का छिड़काव नहीं किया गया तो तना छेदक और फल छेदक इन दोनों का प्रकोप बढ़ जायेगा, और इसका सीधा असर आपके उपज पर पड़ेगी.
बैंगन में कीड़े की दवा
दोस्तों बैगन में सुंडी लगने के कारण ही तना छेदक और फल छेदक दिखाई देता है. इससे बैगन की फसल को बचाने के लिए हम आपको बहुत ही बहतरीन बैंगन में कीटनाशक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं.
- एसितामिप्रिड(Acetamiprid 20 sp)
- बायो AK-57, महारथी या केम में से कोई एक
- कारटाप हाइड्रा क्लोराईट(Cartap Hydrochloride 50% SP)
इन तीनो रसायनों का अच्छी तरह घोल बनाकर बैगन की फसल में स्प्रे करने से सभी तरह के बैंगन में लगने वाले कीड़े जैसे- सफ़ेद मक्खी(कुट्टी), हरा फुदका मक्खी, भौंरे, बड़ी मक्खियाँ आदि सभी प्रकार के हानिकारक कीटों से तुरंत छुटकारा मिलता है.
लाल मकड़ी
लाल माईट या लाल मकड़ी का प्रकोप बैंगन की खेती में गर्मियों में देखने को मिलता है. ये बहुत छोटे-छोटे कीट होते हैं.लाल माईट से बैगन के पौधे को बचाने के लिए “ओमाईट” कीटनाशक दवा का 25ml 15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.
ऐसे तैयार करें रसायनों का घोल
Bengan ki kheti में तना छेदक और फल छेदक से बचने के लिए बैगन में लगने वाले कीड़े की दवा का घोल अच्छे तरीके से तैयार करना बहोत आवश्यक है. आमतौर पर देखा गया है की किसान कृषि की दुकानों से बैंगन में कीड़े की दवा लाकर उनको एक साथ पानी में घोलकर फसलों पर स्प्रे कर देते हैं. परन्तु छिडकाव करने के बावजूद भी दवा का असर फसलों पर नहीं होता है.
तो दोस्तों आप किसी भी फसल में जब भी कीड़े मारने की दवा का घोल तैयार करें, तो सबसे पहले 1 लीटर पानी लें और उसमें एसितामिप्रिड का घोल तैयार करें, इसके बाद इस घोल को अपने स्प्रे करने वाली टंकी में डालें. फिर इसके बाद 1 लीटर पानी लें और उसमें कारटाप हाइड्रा क्लोराईट का घोल तैयार करें, और इस घोल को स्प्रे करने वाली टंकी में डालकर इन दोनों को आपस में मिला लें.
फिर इसके बाद 1 लीटर पानी लें और उसमें बायो ak-57 कीटनाशक का घोल तैयार करें, और इस घोल को स्प्रे करने वाली टंकी में डालकर इन तीनो को किसी डंडे की सहायता से मिला लें. उसके बाद टंकी में पानी भरकर इनको डंडे से मिला लें और इस घोल का बैंगन की फसलों पर छिड़काव करें.
Conclusion
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने जाना की बैंगन में कीड़े की दवा कौन-कौन सी है और बैंगन के पौधे की देखभाल कीड़ों से कैसे करें, हम उम्मीद करते हैं की आपको बैगन में लगने वाले कीड़े की दवा की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी. अगर आपको बैंगन की दवा की यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.
FAQ…
प्रश्न1. बैंगन में कौन कौन से रोग होते हैं?
उत्तर. छोटी पत्ती रोग, उकठा रोग, फलों का सड़ना, तना छेदक, फल छेदक, पत्तियों के रस चूसने वाले कीड़े माईट आदि.
प्रश्न2. बैंगन की खेती कब की जाती है?
उत्तर. बैंगन की खेती शरदकाल, ग्रीष्मकाल तथा वर्षाकाल में किया जाता है जो इस प्रकार है.
1. ग्रीष्मकालीन बैंगन की खेती- जनवरी से मार्च तक.
2. शरदकालीन बैंगन की खेती- जुलाई से अगस्त तक.
3. वर्षाकालीन बैंगन की खेती- मई से जून तक.
प्रश्न3. बैंगन का पौधा कितने दिन में फल देता है?
उत्तर. 60 दिन यानि 2 महीने बाद.
प्रश्न4. बैगन में फल फूल की दवा
उत्तर. शाइन
प्रश्न5. बैंगन के लिए कौन सा कीटनाशक सबसे अच्छा है?
उत्तर. एसितामिप्रिड(Acetamiprid 20 sp)
बायो AK-57, महारथी या केम में से कोई एक
कारटाप हाइड्रा क्लोराईट(Cartap Hydrochloride 50% SP)
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हम उत्तर प्रदेश के kaushambi जिले के kanaili गांव से हैं,
हमारे बैंगन में फल छेदक तथा तना छेदक (सुंडी) रोग लगा है,
रोक थाम के लिए कौन सी दवा का प्रयोग करें
कृपया सुझाव दें
धन्यवाद
बैंगन में फल छेदक तथा तना छेदक (सुंडी) रोग से बचने के लिए AK-57 कीटनाशक 25 ml/लीटर पानी, कारटाप कीटनाशक 15 ग्राम/लीटर पानी और एसिटामिप्रिड 25 ग्राम/लीटर पानी में तीनों को एक साथ मिलाकर 1 सप्ताह पर स्प्रे करें इससे अच्छा कोई दवा काम नहीं करेगा.
Mai bhi bagan ka kheti Kiya hu .mere bhi bagan me bahut hi Kira ho gaya hai bagan ke dal ko chhed karta hai our bagan me bhi chhe hai to mai kya karu
btaye gaye dva ka spry kro 100% garanti sabhi kide mar jayenge.
Hame vi ye dawae chahiye sir
mil jayega.