सर्दियों के मौसम में सब्जीयों को सबसे ज्यादा नुकसान पाले से होता है। इन दिनों सब्जी वाली फसलों में कीट और रोग बहुत कम लगते हैं. और जितना नुकसान सब्जियों को ठंड के मौसम में कीड़ों से नहीं होता, उससे अधिक कोहरा और पाला पड़ने से होता है.
सर्दियों में पाला 25 जनवरी के बाद पड़ना शुरू होता है, इसके पहले कोहरा पड़ता है। पाले की तुलना में कोहरे से सब्जियों को बहुत कम नुकसान होता है। इन दिनों यदि समय रहते सब्जियों की देखरेख न किया जाय तो एक ही रात में पूरी फसल बर्बाद हो जाता है.
अतः आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों के मौसम में सब्जी के फसलों को पाले से बचाने के लिए क्या करना चाहिए। तथा पाला पड़ने पर सब्जियों को क्या नुकसान होता है.
कोहरा क्या होता है
कोहरा सर्दियों में सीजन में उत्तर प्रदेश, बिहार, नई दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों में पड़ता है। कोहरा भाप या धुएं की तरह जमीन पर और आकाश में रहता है, कोहरा पड़ने पर मौसम कुछ शुष्क रहता है। सर्दियों के मौसम में जब कोहरा होता है तब गलन काफी कम होती है। लेकिन जब घना कोहरा होता है तब 30 फिट की दूरी पर को भी पेड़-पौधा नहीं दिखाई देता है.
कोहरा से सब्जियों को नुकसान
ठंड के मौसम में कोहरा दिसंबर से लेकर आधे जनवरी तक रहता है कोहरा पड़ने पर सबसे पहले सब्जी वाली फसलों की पत्तियां प्रभावित होती हैं। इसके बाद टहनियाँ, फिर फसल में लगी सब्जियां प्रभावित होती हैं उसके बाद पौधे सूखने लगते हैं.
कोहरा पढ़ने पर सब्जियों के पौधे की पत्तियों पर पहले काला या भूरा दानेदार धब्बा बनाना शुरू होता है, उसके बाद टहनियों पर भी काले दानेदार धब्बे बनते हैं। और फिर उसी तरह सब्जियों में लगे फलों पर भी छोटे धब्बे बनते है.
कोहरे का असर फसलों पर तुरंत नहीं होता है बल्कि 1 सप्ताह बाद फसलों पर कोहरे के असर दाग और धब्बे के रूप में दिखाई देता है। इसलिए कोहरे से फसलों को बचाने के लिए समय रहते अच्छे फफूंद नाशक रसायन का छिड़काव करना चाहिए.
कोहरे से सब्जियों को बचाना
कोहरे से सब्जी की फसलों को बचाने के लिए 1 सप्ताह के अन्तराल पर बायर का लूना, अमिस्टार या कस्टोडिया का 15 ml दवा प्रति 15 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.
इसके अलावा मेरिवान फफूंद नाशक रसायन का 10ml दवा प्रति 165 लीटर पानी मे घोल बनाकर जब फसलों पर ओस न हो तब छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही इसमें 25 ग्राम बोरान भी मिला देने चाहिए.
पाला क्या होता है
सर्दियों में पाला आधे जनवरी के बाद से लेकर लगभग फरवरी महीने के आखिरी तक पड़ता है, इसमें कोहरा नहीं होता है बल्कि गलन होता है। और कभी-कभी तेज हवा भी चलती है और वायुमंडल में नमी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है.
किसी दिन तो ऐसा होता है कि रात के बाद जब सुबह होता है तो मौसम एकदम साफ होता है और देखने को मिलता है कि फसलों की पौधों पर तथा जमीन और घास-फूस पर सफेद गेहूं की आटे की तरह बारीक बर्फ पड़े होते हैं। यहां तक कि बर्तन में रखा बासी पानी भी बर्फ की तरह ठंडा हो जाता है.
पाले से फसलों को नुकसान
कोहरे की अपेच्छा पाले से फसलों को अधिक नुकसान होता है. सब्जियों के जिस भी फसल पर पाले का असर होता है वह फसल एक साथ काला पड़ जाता है पत्तियाँ सहित पेड़ और उसमें लगे फलों पर काले पड़ जाते है. और फिर इस पर किसी भी दवाओं का कोई असर नहीं होता है।
लेकिन कुछ फसलें ऐसी होती हैं जिन पर कोहरा और पाला का कोई असर नहीं होता है. क्योंकि इनके लिए सर्दी का मौसम ही उपयुक्त होता है। जैसे- गेहूं, सरसों, पत्ता गोभी, फूल गोभी, धनियां.
पाले से सब्जियों का ऐसे करें बचाव
सबसे पहले तो खेतों में सर्दियों के मौसम में नमी बनाए रखना चाहिए, उसके बाद 6 दिन के अंतराल पर 10 ग्राम नेटिवो या 10ml मेरिवान रसायन का 15 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.
सर्दियों में कोहरे और पाले से फसलों को बचाने के लिए सब्जी की फसल को उचित दूरी पर लगाना चाहिए, क्योंकि अधिक घना होने पर नीचे पर्याप्त धूप नहीं मिल पाने के कारण उस स्थान पर सड़न होने लगती है और यह सड़न पूरे खेत मे फैल जाती है.
सर्दियों में धुँए से फसलों को बचाने का उपाय
कोहरे और पाले से सब्जियों को बचाने के लिए धुएं का भी प्रयोग किया जाता है। पुराने जमाने मे जब रासायनिक दवा का छिड़काव बहुत कम होता था और गरीब किसान महंगे दवा खरीदने में सक्षम नहीं होते थे। तब गांव के सभी किसान अपने खेतों में हवा के विपरीत दिशा में आग जलाकर धुएं कर दिया करते थे.
तो यह तरीका आज भी काम करता है। आज भी गांव के किसान कोहरा और पाला पड़ने पर खेतों में ईंधन जलाकर धुएँ करते हैं.
सिंचाई द्वारा पाले से बचाव
शीतलहर, कोहरा और पाले से सब्जियों का बचाव करने के लिए खेतों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए. और सिंचाई हो सके तो हमेशा शाम को करना चाहिए क्योंकि रात में पाले अधिक पड़ते हैं.
FAQ:
Q: पाला कब पड़ता है?
ANS: सर्दियों के मौसम में जब तापमान के हिमांक बिन्दु से नीचे जाने लगती है तब पानी बर्फ बनने लगती है और उस समय ओस बर्फ के रूप में पाला बनकर पड़ती है.
Q: पाले से फसल को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
ANS: पाले से फसल को बचाने के लिए रसायनों का छिड़काव, लकड़ी का धुआं और सिंचाई करना चाहिए.
Q: पाले से कौन से फसल जल्दी प्रभावित होता है?
ANS: सर्दियों में पाले से टमाटर, बैंगन, मिर्च, आलू अधिक प्रभावित होती है.
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