कृषि के उपकरण | खेती के औजारों के नाम |खेती के औजार | कृषि उपकरण के नाम और चित्र | खेती में काम आने वाली मशीन | कृषि के औजार के नाम और सूची | krishi ke aujar | कृषि उपकरण के नाम
कृषि कार्य सम्बंधित किसी भी कार्य को करने के लिए आज के युग में खेती में प्रयोग किए जाने वाले औजार का बहुत बड़ा योगदान है. पुराने जमाने में खेतों से फसल लेने के लिए किसान बहुत मेहनत करते थे और सारा दिन अपने पुरे परिवार के साथ खेतों में लगे रहते थे.
उस जमाने में किसान अपने खेतों की जुताई बैल से किया करते थे. और जिस किसान के पास अधिक भूमि होती थी वे दूसरों किसानों की सहायता से अपने खेतों में 3 से 4 जोड़ी बैल से खेतों की जुताई करते थे. और जिन किसान के पास बैल नहीं हुआ करता था. तथा जिनके पास अधिक भूमि नहीं होती थी. वे अपने खेतों की खुदाई कुदाल या फरसा से किया करते थे उसके बाद फसलों की बुआई खेतों में होती थी. इसके अलावा फसल की कटाई तथा मड़ाई तक का सारा काम हाथों से ही करना पड़ता था.
उस जमाने में इतनी मेहनत करने के बाद भी किसान अपने खेतों की जुताई, बुआई तथा कटाई और मड़ाई समय से कर लेते थे. इसका मुख्य कारण यह था की, उस जमाने में बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ और फैक्ट्रियाँ नहीं हुआ करती थी. और सभी लोग गाँव में ही रहा करते थे. लेकिन जमाने में अधिक से अधिक लोग शहर की और चले जा रहे हैं. जिसके कारण मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है.

मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए देश के कृषि वैज्ञानिक और इंजिनियर भी तरह-तरह के अविष्कार करते रहते हैं. अब खेतों की सभी सामयिक क्रियाएं ठीक से हो सकें इसके लिए भूमि की जुताई के लिए कृषि यंत्र, खेत तैयार करने वाले कृषि यंत्र, kheti me kam aane wale aujar, छोटे किसानों के लिए कृषि यंत्र इत्यादि तमाम तरह की खेती में काम आने वाले उपकरण और खेती के नए औजार बाजार में उपलब्ध हैं.
खेती के औजार के नाम एवं उनके कार्य
फसलों की बुआई से पहले खेत की जुताई और खेत की तैयारी करने वाले कृषि यंत्र की सहायता से मिट्टी को भुरभुरी बनाना बहुत ही आवश्यक होता है. हमारे पूर्वजों के जमाने में खेत की जुताई के लिए बैलों की सहायता से देशी हल चलाकर खेत को बुआई योग्य बनाने के लिए 3 से 4 दिन या इससे भी अधिक दिन लग जाते थे. लेकिन अब तरह-तरह के खेती में काम आने वाली मशीन से खेत की तैयारी कुछ ही घंटों में हो जाती है.
खेती के औजार के नाम | खेती में प्रयोग किए जाने वाले औजार के कार्य |
डक फुट कल्टीवेटर | फसलों की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई हेतु |
डिस्क हैरो | अधिक खरपतवार वाले खेत जुताई के लिए |
9 फार कल्टीवेटर | इसमें 9 हल होते हैं बीज की बुवाई से पूर्व खेत की तैयारी की जाती है |
रोटावेटर | मिट्टी को भुरभुरी बनाने एवं खेत की अंतिम जुताई हेतु |
मोल्ड बोर्ड हल | खेत की गहरी जुताई मिट्टी पलटने के लिए |
खूंटीदार मचाई यंत्र | मिट्टी के बड़े-बड़े ढेलों को तोडने हेतु |
बीज बुवाई के लिए काम आने वाला उपकरण है
पुराने जमाने में खेतों में बीजों की बुआई दो तरह से किया जाता था एक तो जुताई करते समय देशी हल के पीछे और दूसरी बीज की खेत में छिटाई करके बैल से खेत की जुताई की जाती थी. और इसमे भी किसान का 3 से 4 दिन का समय लगता यह. लेकिन अब बीज बुआई का काम आधुनिक यंत्रों किया जाने लगा है. जो इस प्रकार है.
बीज बुवाई में काम आने वाले उपकरण | उनके कार्य |
सीड कम फर्टीड्रिल | गेहूं या अन्य बीजों की निश्चित गहराई बुआई की जाती है |
डिबलर कृषि यंत्र | बीज बुआई में समय लगता है अतः यह थोड़े खेतों के लिए लाभदायक है |
खेतों में फसल सिंचाई में काम आने वाले कृषि यंत्रों के नाम
खेत की जुताई और बीज की बुआई के बाद अब बारी आती है खेतों खड़ी फसलों की सिंचाई की, तो आपको पता होगा की पहले खेतों की सिंचाई करने के लिए नालियों का प्रयोग करते थे. और पानी बहुत दूर से लाया जाता था इस दौरान अगर बिजली चली जाती थी तो फिर से नालियों से खेत में पानी पहुँचने में काफी समय लगता था लेकिन अब अनेक तरह के आधुनिक सिंचाई यंत्र किसानों का समय और श्रम दोनों बचा रहे हैं.
निराई-गुड़ाई व खरपतवार निकालने वाले कृषि यंत्र
सिंचाई करने वाले कृषि यंत्रों के नाम | इनके कार्य |
ड्रिप/टपक सिंचाई पद्धति | पतली पाइप के द्वारा सीधे पौधों के पास बूंद-बूंद सिंचाई की जाती है |
फव्वारा सिंचाई/स्प्रिंकल सिंचाई विधि | इसके द्वारा पानी हवा में छिड़काव की तरह एकसमान किया जाता है |
रेनगन स्प्रिंकलर | यह बरसात की तरह एक ही जगह से कम पानी में बहुत दूर तक सिंचाई करती है |
सोलर पंप | यह सूरज की किरणों से सोलर पैनल के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करके मोटर से पानी खींचता है |
पुराने समय में खेतों में खरपतवार इतने अधिक हो जाते थे की खड़ी फसलों से घास निकलते-निकालते फसल को काफी नुकसान होता जाता था. इससे फसल में उत्पादन भी काफी कम हो जाती थी. परन्तु अब कई प्रकार के निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार निकाने वाली कृषि यंत्र किसानों की सहायता कर रहे हैं.
खरपतवार निकाने वाली यंत्र | इनके कार्य |
पावर वीडर | ये छोटी मशीन खेत से खरपतवार निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
पशु चालित कल्टीवेटर | यह बैल की सहायता पीछे हल लगाकर खींचा जाता है जिससे खरपतवार को निकलता जाता है |
स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर | यह यंत्र ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक प्रणाली से नियंत्रित होता है |
कोनो वीडर | हाथ से निराई गुड़ाई करने की तुलना में इससे काफी जल्दी खरपतवार निकलता है |
हुक टाइप ड्राई लैंड पेग वीडर | यह उपकरण फसल की पंक्तियों के बीच खरपतवार काटकर निकलता है |
फसलों की कटाई हेतु किन किन यंत्रों का उपयोग किया जाता है नाम लिखिए
एक समय था जब फसल पककर तैयार होती थी तो उसे काटने के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती थी और समय से मजदुर न मिलने पर फसल कटाई को लेकर टेंसन होने लगती थी. की इसको निपटाकर अगली फसल की बुआई करनी है. और साथ ही इसमे समय व मजदूरी में आने वाला खर्च भी अधिक आता था. लेकिन अब खेती में काम आने वाली मशीन से कम श्रम और कम लागत में बहुत आसानी से फसलों की कटाई हो रही है.
फसल कटाई यंत्र के नाम | इनके कार्य |
ग्राउंडनट हार्वेस्टर | इसका प्रयोग खेत की बड़े प्लाट में फसल कटाई के लिए होता है |
कम्बाईन हार्वेस्टर | कटाई व अन्न की गहाई एक साथ होती है और इससे भूसा प्राप्त नहीं मिलता |
ट्रेक्टर चालित मल्टीक्रॉप थ्रेसर | इससे गेहूं, धान, चना, सरसों आदि फसलों की मड़ाई होती है |
मूंगफली थ्रेसर | इससे मूंगफली का दाना निकाला जाता है |
ओसाई पंखा | इसे हांथों से चलाकर अनाज से भूसी निकालकर दाना साफ किया जाता है |
रीपर | धान, गेहूं इत्यदि फसल को काटने के उपयोग में लाया जाता है |
छोटे किसानों के लिए कृषि यंत्र तथा कार्य
पावर टिलर | लघु व मध्यम वर्ग के किसानों के लिये खेत की जुताई के लिए उत्तम है |
तीन कतारी बीज बुवाई यंत्र | बीज व उर्वरक एक साथ बोया जाता है यह पशु चलित यंत्र है |
सिंचाई पाइपलाइन | प्लास्टिक का पाइप होता है मशीन से सीधा खेत में पानी लाया जाता है |
व्हील हो वीडर | कतार में बोई गई खड़ी फसलों की निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार निकाने वाली सबसे छोटी कृषि यंत्र है |
ब्लेड हैरो/पावर हैरो | यह बैल की सहायता से खीचा जाता है आलू की खुदाई होती है |
बैटरी या डीजल, पेट्रोल चालित स्प्रेयर मशीन
जब किसान सब्जियों की या अन्य फसलों की खेती करते हैं तो उसमें अनेकों प्रकार के रोग और कीट लगते हैं. और उनसे फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों तथा उर्वरकों का छिड़काव करना पड़ता है.
ऐसे में किसानों के इस काम को आसान बनाने के लिए कई तरह की मशीने जैसे- नैकपैक पावर स्प्रेयर, निपटाकर स्प्रेयर, मिस्ट डस्ट स्प्रेयर, पोर्टेबल पावर स्प्रेयर इत्यादि कीटनाशक स्प्रे करने की मशीने बनाई जा चुकी हैं. जो 1500 रुपये से लेकर 40 हजार रूपये तक किसानों को मार्किट से मिल जाएँगी.
देशी हल
पुराने जमाने में जब इतने अविष्कार नहीं हुआ करते थे तब उस समय किसान अपने खेतों की जुताई करने, घास या खरपतवार निकालने, बीजों की बुआई करने के लिए 2 बैलों की जोड़ी के साथ देशी हल का प्रयोग करते थे. इस हल में छेनी या रेती के नोकदार फार लगे होते थे जो खेत की गहरी जुताई करने के काम आते थे.
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने किसान भाइयों को छोटे किसानों के लिए कृषि यंत्र एवं खेती के औजार के नाम, खेती में काम आने वाले औजार तथा उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. हम आशा करते हैं की किसान भाइयों को आज की यह पोस्ट अच्छी लगी होगी. यदि आपको यह खबर अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.
FAQ:
Q: कृषि यंत्र कितने प्रकार के होते हैं?
ANS: ग्राउंडनट हार्वेस्टर, कम्बाईन हार्वेस्टर, ट्रेक्टर चालित मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पावर वीडर, ट्रैक्टर, पावर टिलर, रोटावेटर, तवेदार हैरो इत्यादि.
Q: हल कितने प्रकार के होते हैं?
ANS: कल्टीवेटर, देशी हल, मिट्टी पलटने वाले हल, तवेदार हैरो, रोटावेटर आदि.
Q: कल्टीवेटर कितने प्रकार का होता है?
ANS: स्प्रिंग कल्टीवेटर, 7 फार कल्टीवेटर, 9 फार कल्टीवेटर, 13 फार कल्टीवेटर.
Q: स्प्रेयर मशीन कितने प्रकार के होते हैं?
ANS: नैकपैक पावर स्प्रेयर, निपटाकर स्प्रेयर, मिस्ट डस्ट स्प्रेयर, पोर्टेबल पावर स्प्रेयर इत्यादि.
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